खुद से प्यार करना सीखिए |

एक कौआ था जिसे लगता था, कि भगवान ने उसे कुछ नहीं दिया है | वह अपने आप से खुश नहीं था, उसने कोयल को देखा और उससे बोला- तू तो खुश होगी न , तुझे भगवान ने अच्छा गला दिया है और अच्छी आवाज़ भी दी है | कोयल बोली - पर अच्छी सकल नहीं है ? बगुले को तो अच्छा गला और अच्छी सकल दोनों ही है ,वह ज्यादा खुश होगा | कौआ ने सोचा बात तो सही है ...कौआ बगुले के पास गया ..और बोला..तू तो खुश है न? बगुला बोला ..नहीं ..मुझे सिर्फ एक रंग दिया है भगवान ने पर तोते को तो बहुत रंग दिया है ..वह ज्यादा खुश होगा...फिर ऐसे ही कौए ने एक एक कर तोते से फिर मोर से पूछा ...और अंत में उसे पता चला कि अच्छा गला और अच्छी सकल होने से ही कोई खुश नहीं होता ...खुश होने के लिए खुद से प्यार होना चाहिए..और अपने आप को कम नहीं समझना चाहिए किसी और से...